किशोरकुमार उर्फ KK
१३ अक्तूबर १९८७
एक ऐसा कलाकार जिसकी कला और प्रतिभा कभीभी किसीकी मोहताज़ नही थी. वो हर एक क्षेत्र में लाजवाब था. गीत, संगीत, गाना, पटकथा, दिग्दर्शन, संवाद, कॉमेडी, एक्टिंग ऐसा कोई भी क्षेत्र नही था जिसमे उन्होंने काम न किया हो. और हर क्षेत्र के सरताज थे.
लेकिन ऐसा एक क्षेत्र था जिसमे वो गिने चुने गायकोमे आज भी अपना मुकाम बनाये रखे है. और जबतक हिंदी सिनेजगत रहेगा तबतक ऐसा हरफनमौला कलाकार न हुवा है और ना ही होगा. जिहां खूब जाना नाम है अपने जैसे एकही स्वर्गीय किशोरकुमार जी खांडवा वाले.
तीन भाइयों में सबसे छोटे होने के कारण, उन्हें घरमे बहोत सारा प्यार मिला. ऐसा कहा जाता है कि बचपनमें वो ख्रीस्तीयों के समशान में एक कब्र पर जाकर कई बार घंटो तक बैठते थे. इत्तेफाक कहिये या किस्मत का खेल ,और जिस पादरीकी वो कब्र थी उनका जन्मदिन 13 अक्तूबर 1887 और मृत्यु 4 अगस्त 1929 थी जबकि किशोरसाहब का जन्म दिन 4 अगस्त 1929 और मृत्यु 13 अक्तूबर 1987 थी. अजीब लेकिन खूब इत्तेफाक है.
फ़िल्मोंमे आनेका उनका फैसला नहीं था , उनके बड़े भाई मशहूर एक्टर दादामुनी तथा अशोककुमार उन्हें फिल्मों में ले आये. कहा जाता है कि उनकी इच्छा विरुध वो फिल्मों में आये. लेकिन गाने का शौक उन्हें इस क्षेत्र में बांधे रखा था. एक्टिंग तो वो अपने बड़े भाईसाब के कहने पे कर लेते थे. शुरुवात में तो वो सिर्फ अपने लिए और अपने जिगरी दोस्त स्वर्गीय देवआनंद साब के लिए ही गाते थे.
पार्श्वगायन एक पेशे के तौर पर उन्होंने कभीभी करनेकी सोची नही थी. लेकिन हमारी तक़दीर है जो उनकी किस्मत ने उनसे इतना गवांया की आज उनके गाने सुनते ही दिल बस खुश हो जाता है. उन्होंने अपने जीवन मे हर मूड के हर रंग के और हर ढंग के गाने गाये है , की उनमेसे चुने गाने यहां लिख पाना असंभव है. फिर भी मेरे पसंद के कुछ गाने दे रहां हूँ, लेकिन ये मतलब नही कि बाकीं गाने इससे कम कमाल के है.
चिंगारी कोई भड़के,
आ चल के तुझे मैं लेके चलूं
मेरा जीवन कोरा कागज़ कोरा ही रह गया,
मेरे दीवानेपन की भी दवा नही
माना जनाब ने पुकारा नही
मंजिले अपनी जगह है
मैं शायर बदनाम
मुसाफिर हूँ यारों
छूकर मेरे मनको किया तूने क्या इशारा
दुखी मन मेरे
पग घुंघरू बाँध मीरा नाची थी
इम्तिहां हो गई इंतजार की
जीवन से भरी तेरी आँखे
वो शाम कुछ अजीब थी
घुंघरू की तरह बजताही रहां हूँ मैं
इक चतुर नार बड़ी होशियार
तुमहि तो लाई हो जीवन मे मेरे प्यार प्यार प्यार
तुम बिन जाऊं कहा के दुनिया मे आके ,
मेरे मेहबूब कयामत होगी आज रुसवा,
रातकली इक ख्वांब में आयी और गले का हार बनी
कुछ तो लोग कहेंगे
दिल ऐसा किसीने मेरा तोड़ा ,
साला मैं तो साहब बन गया
खाईके पान बनारसवाला
आते जाते खूबसूरत आवारा सड़कों पे,
दे दे प्यार दे प्यार प्यार दे दे हमे प्यार दे
तेरेबीना जिंदगी से कोई शिकवा तो नहीं
आपकी आंखोमें कुछ महके हुवे से राज है
जिंदगी इक सफर है सुहाना
मेरे सपनोकी रानी कब आयेगी तू
ओ मेरी ओ मेरी ओ मेरी शर्मिली
बाकीं आप सोचिए लेकिन इस अनोखे कलाकार को शायद आजही नही लेकिन हर पल हर घड़ी हर लम्हा दिल आंखरी सांस तक याद करता रहेगा . जब जब भी उनके गाने सुनेंगे तब तब. हर मूड के लिए उन्होंने गाने गाये है. तो।आइये अपने मूड के अनुसार अपने गाने चुनिए और इस मस्त कलंदर कलाकार को एक अनोखी श्रद्धाजंली अर्पित करे
किशोरकुमार जी आप तो हमारे दिलमे सदैव जिंदा है और रहेंगे
शब्द और लेखन : प्रसन्न आठवले
१३/१०/२०१७
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