जिंदगी में ख़्वाबों की कमी नहीं है
पर तेरे ख़्वाबों में उनको जगह नहीं है
एक ख्वाईश है दिले इंतज़ार की ऐ हसीं
तेरे पास आके रुकना बेवजह नही है
जिंदगी ..........
जरा रुक के चले सांस तो ये अहसास हो
तेरे आने की आहट आयी तो नही है
मुस्कुराना तो है अब उम्र सारी हमको
अबतो तेरे साथ न होने की वजह नही है
जिंदगी ........
तेरे मासूम खयालों में बसा लो मुझको
ये जरुरी है की दुनिया है साथ या नहीं है
बस तू हाँ जो कहे तो मैं ख़ुशी से पागल
वरना फिर जीनेकी भी जरुरत ही नहीं है
जिंदगी .........
ग़ज़लकार : प्रसन्न आठवले
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