बेकरारी तुम्हारे इन आँखोंकी नमी मांगता हूँ तुम्हारी खुशी न कम हो यहीं माँगता हूँ मुझे बस ये खुशी तुम सदा मुस्कुराओ मुझे गम तुम्हारे मिले मैं यहीं मांगता हूँ|| तुम्हे देखकर ये खिले चाँद तारे ये नज़ारे ये गुलशन ये सारे के सारे जीऊँ बस इन्हें देखकर ये समझू इन्हिमें मैं तुम्हारी हंसी ढूंढता हूँ || सलामत रहे ये रोशन सितारे ये जलवे तुम्हारे तभी देख पाये यहाँ जिंदगी में इक अजीबो सी हसरत तुम्हारी मैं सदा जिंदगी मांगता हूँ || मेरा घर है आँखों मे सजता तुम्हारे यहाँ दिन और रातें है काजल तूम्हारे ये बिंदी ये गज़रा ये कंगन की खनखन इन्हें देखकर मैं तुम्हे मांगता हूँ || शायर : खुशमीजाज आशिक