सुन्या सुन्या मैफलीत माझ्या या गण्या वरून हिंदीत त्याच आशयाच आणि त्याच चालीत बसलेल हिंदी गीत
हद तक खामोशी
जुबां मेरी आज खामोश क्योँ है
ये आसूँ मेरी गालों पर नहीं है
ये दिल मेरा मानता नहीं है
की अबभी मुझे तू चाहता नहीं हैं ।।धृ ।।
ये आसूँ मेरी गालों पर नहीं है
ये दिल मेरा मानता नहीं है
की अबभी मुझे तू चाहता नहीं हैं ।।धृ ।।
जुबां मेरी आज खामोश क्योँ है
क्या है खेल बंद सारे खुदाके
तुम्हे नहीं मांगना खुदासे
क्या चाहे ये दिल फिरभी आखिर
तुझे नहीं भूल सकता है आखिर ।।१।।
तुम्हे नहीं मांगना खुदासे
क्या चाहे ये दिल फिरभी आखिर
तुझे नहीं भूल सकता है आखिर ।।१।।
जुबां मेरी आज खामोश क्योँ है
मना नहीं है मुझे ये रिश्ता
नहीं मुझे है गिला भी कुछभी
नहीं कहूँ ये क्या हो रहा है
तुमही हो तुम मेरे आँखों में आखिर ।।२।।
नहीं मुझे है गिला भी कुछभी
नहीं कहूँ ये क्या हो रहा है
तुमही हो तुम मेरे आँखों में आखिर ।।२।।
जुबां मेरी आज खामोश क्योँ है
कहूँ भी क्या आज मैं तुम्हिसे
करूँभी क्या शिकायत मैं तुमसे
मेरा तो दिल पास है अब तुम्हारे
मेरी तो सांस भी है तुम्हारी ।।३।।
करूँभी क्या शिकायत मैं तुमसे
मेरा तो दिल पास है अब तुम्हारे
मेरी तो सांस भी है तुम्हारी ।।३।।
कवी: प्रसन्न आठवले
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