शायरी क्या है
किसने कहा शायरी कलाम से लिखी जाती है
वो दिलके जाम से, किसीके नाम से, हो जाती है
कलम इक जर्रीया है, बस उसे कागजपर उतारने का
वो तो दिलके किसी वीरान कोनेमें छिपी होती है
वो दिलके जाम से, किसीके नाम से, हो जाती है
कलम इक जर्रीया है, बस उसे कागजपर उतारने का
वो तो दिलके किसी वीरान कोनेमें छिपी होती है
उदास गर है जिंदगी, तो उदासी टपकती है
गर प्यार हो किसीका, तो शहद सी लगती है
किसीका इंतजार, आंखोमें दिलसे उतारती है
लिखे अल्फ़ाज़ में, बस एक शाम सी लगती है
कोई रंजोगम में डूबा, लिखेगा शायरी गमेदिलसे
कोई किसीके इंतजार में, घिसेगा कलम फिरसे
कोई मदहोश नशेमन, अल्फाज लिखे जामसे
कोई दिवानासा, लिखेगा खूबसूरत तरीकेसे
बस जिसके दिलमे जो तस्वीर छिपी हो,
शायरी की किताब में वैसे ही लिखी हो
शायद कोसिको मंजिल न मिली हो,
बेचारेने शायरी इसी अंदाज में लिखी हो
किसीका कुसूर नहीं, कोई दोष भी नही
बस नजर खयालात ही है, अफसोस नही,
उतर जाते है अल्फाज, कोई शक ही नही
शायर का इसमें मानलो, कोई दोष ही नही
© शायर : प्रसन्न आठवले
०५/११/२०१७
११:२५
गर प्यार हो किसीका, तो शहद सी लगती है
किसीका इंतजार, आंखोमें दिलसे उतारती है
लिखे अल्फ़ाज़ में, बस एक शाम सी लगती है
कोई रंजोगम में डूबा, लिखेगा शायरी गमेदिलसे
कोई किसीके इंतजार में, घिसेगा कलम फिरसे
कोई मदहोश नशेमन, अल्फाज लिखे जामसे
कोई दिवानासा, लिखेगा खूबसूरत तरीकेसे
बस जिसके दिलमे जो तस्वीर छिपी हो,
शायरी की किताब में वैसे ही लिखी हो
शायद कोसिको मंजिल न मिली हो,
बेचारेने शायरी इसी अंदाज में लिखी हो
किसीका कुसूर नहीं, कोई दोष भी नही
बस नजर खयालात ही है, अफसोस नही,
उतर जाते है अल्फाज, कोई शक ही नही
शायर का इसमें मानलो, कोई दोष ही नही
© शायर : प्रसन्न आठवले
०५/११/२०१७
११:२५
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