तेरा हुस्न
तेरा हसीन हुस्नं जो देखा है हमने
अजबसी कशीश दिलमे बेचैनी कैसी
तेरा वो जो रूप पलके झुकाकर
समुन्दर कि लहरों को देखाजो तूने
वो पानीमें एक आग सी लग गयी और
लहरों कि ताकद अचानक बढी यूं
और फिर वो हूवा होशं खोता हूवा
ख्वाब मेरा के जैसे कापे है हर साँस
तूहारीही तारीफ में मै ये क्या कह गया
के मूझे माफ करना के बहके हूवे होशमें
अजबसी कशीश दिलमे बेचैनी कैसी
तेरा वो जो रूप पलके झुकाकर
समुन्दर कि लहरों को देखाजो तूने
वो पानीमें एक आग सी लग गयी और
लहरों कि ताकद अचानक बढी यूं
और फिर वो हूवा होशं खोता हूवा
ख्वाब मेरा के जैसे कापे है हर साँस
तूहारीही तारीफ में मै ये क्या कह गया
के मूझे माफ करना के बहके हूवे होशमें
मै ये क्या कह गया इक पल मेरी धडकन रूकी
दिल थम गया साँसे रूकी
नजरे नजारा देखतीही रह गई
फिर होश खोकर हम गूम हुवे
गम तो कभी कोसो दूर हुवे
नजारों ने भी दिल खो दिया
आलम ये सारा बस खो चूका
ये बात बस इतनी न थी इक पल समय भी रुक गया
बस आज दिल फिर खुश हुवा ऐसेही तुम रहना सनम
बस युहीं खुश रहना सदा ये सादगी ऐसी रहे
दिल थम गया साँसे रूकी
नजरे नजारा देखतीही रह गई
फिर होश खोकर हम गूम हुवे
गम तो कभी कोसो दूर हुवे
नजारों ने भी दिल खो दिया
आलम ये सारा बस खो चूका
ये बात बस इतनी न थी इक पल समय भी रुक गया
बस आज दिल फिर खुश हुवा ऐसेही तुम रहना सनम
बस युहीं खुश रहना सदा ये सादगी ऐसी रहे
कवी : प्रसन्न अथवले.
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