सहारा
तू उंगली तो धर मेरी
मै राह तेरी सुलभ करू
जो आज दिखता है कठिन
वो मै सदा सहज करू
मै राह तेरी सुलभ करू
जो आज दिखता है कठिन
वो मै सदा सहज करू
जो दर्द सारा दिल मी है
उसको भी मै सहता करू
जिस ओर भी तू देखना
उस ओर मै सुरज करू
जो आज तू मुरझाई है
उस को हसी सुरत करू
अब जागना ना रात मे
सुखमय हि वो राते करू
अब तू रहे निडर सदा
ऐसा हि मै पहरा करू
कवी : प्रसन्न आठवले
Comments
Post a Comment