गम
कूछ तो गम है या है कशिश
या है गीला या कूछ सबब ।।
कूछ तो बात है शायद होठोंतक
आके रुकती है क्या है रब ।।
मुझे मेरे दिल की बात क्या पता
क्यूँ लगता है गम कूछ ।।
है तो सही एक काटा सा
चुभता है दिलमे है तो कूछ ।।
या है गीला या कूछ सबब ।।
कूछ तो बात है शायद होठोंतक
आके रुकती है क्या है रब ।।
मुझे मेरे दिल की बात क्या पता
क्यूँ लगता है गम कूछ ।।
है तो सही एक काटा सा
चुभता है दिलमे है तो कूछ ।।
कूछ पानीसा कूछ खालिसा
अहसास है कूछ दर्द पराया ।।
लगता अपना गम है कूछ
दिल में काटा है सताया।।
अहसास है कूछ दर्द पराया ।।
लगता अपना गम है कूछ
दिल में काटा है सताया।।
शायर : खूशमिजाज आशिक
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